शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, छतरपुर में जनभागीदारी समिति की बैठक सम्पन्न
महाविद्यालय के समग्र विकास हेतु अनेक प्रस्ताव पारित, जनवरी 2026 में वार्षिक उत्सव आयोजित करने का निर्णय
छतरपुर, दिनांक 27 अक्टूबर 2025।
शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, छतरपुर में आज जनभागीदारी समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष माननीय कमलकांत असाटी (बॉबी भैया) ने की। बैठक में महाविद्यालय के प्राचार्य एवं जनभागीदारी समिति की सचिव प्रो. एच.डी. अहिरवार, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. पी.के. दीक्षित, जनभागीदारी प्रभारी डॉ. शशिकांत अवस्थी, तथा समिति के सक्रिय सदस्य श्रीमती उर्मिला साहू, श्री विकास चतुर्वेदी, श्री अवधेश यादव, श्री बृजेंद्र सिंह तोमर, श्री महेंद्र प्रजापति, और श्री भगवानदास विश्वकर्मा उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त महाविद्यालय के शिक्षकीय एवं कार्यालयीन स्टाफ से डॉ. सौरभ , प्रो. बृजेश प्रजापति, श्री कृपाशंकर त्रिवेदी तथा श्री स्वतंत्र जैन भी बैठक में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत मां सरस्वती के पूजन से की गई। तत्पश्चात जनभागीदारी प्रभारी डॉ. शशिकांत अवस्थी ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में उन्होंने जनभागीदारी समिति के महत्त्व, उसकी भूमिका एवं महाविद्यालय के विकास में समाज की सहभागिता पर प्रकाश डाला।
सक्रिय सहभागिता के साथ हुई चर्चा
उद्बोधन के पश्चात जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष कमलकांत असाटी (बॉबी भैया) ने सभी प्रस्तावों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया।
चर्चा के दौरान समिति के सभी सदस्य, महाविद्यालय के प्राचार्य एवं उपस्थित प्राध्यापकगण सक्रिय रूप से शामिल रहे। प्रत्येक प्रस्ताव पर रचनात्मक संवाद हुआ, जिसमें सदस्यों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत करते हुए सुझाव दिए। बैठक का माहौल सौहार्दपूर्ण, सहयोगात्मक और नीतिगत दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली रहा।
अध्यक्ष श्री असाटी जी ने कहा कि समिति का उद्देश्य केवल निर्णय लेना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू करना है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जनभागीदारी तभी सार्थक है जब उसमें समाज, शिक्षण समुदाय और विद्यार्थी वर्ग—सभी की भागीदारी हो।
पूर्व पारित एजेंडा की समीक्षा
बैठक में सबसे पहले पूर्व पारित एजेंडा की समीक्षा की गई। इसमें यह पाया गया कि कुछ कार्य अभी लंबित हैं। इस पर समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि सभी लंबित कार्यों को आगामी 21 दिनों के भीतर पूर्ण किया जाए, अन्यथा संबंधित एजेंडा को निरस्त माना जाएगा।
यह निर्णय संस्थागत कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
नए एजेंडा पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श
बैठक में नए एजेंडा पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा हुई और कई प्रस्ताव पारित किए गए। प्रमुख प्रस्ताव निम्नलिखित रहे —
1. जनवरी 2026 में वार्षिक उत्सव का आयोजन:
समिति ने निर्णय लिया कि आगामी जनवरी माह में महाविद्यालय का वार्षिक उत्सव बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें छात्राओं की सांस्कृतिक, साहित्यिक और खेल गतिविधियों को मंच प्रदान किया जाएगा।
2. वोकेशनल कोर्सों के लिए विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति:
रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए विषय विशेषज्ञों (Subject Experts) की नियुक्ति का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
3. समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान एवं इतिहास में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति:
बढ़ती छात्र संख्या के मद्देनज़र इन विषयों में Guest Faculty की नियुक्ति को समिति ने अपनी स्वीकृति दी, ताकि शिक्षण गुणवत्ता बनाए रखी जा सके।
4. नवीन भवन के किनारे जल निकासी हेतु नाली निर्माण:
वर्षा जल के समुचित निकास के लिए महाविद्यालय परिसर में नाली निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया।
5. पुरानी जिम का पुनर्स्थापन:
समिति ने पुरानी जिम को महाविद्यालय परिसर में किसी उपयुक्त स्थान पर पुनः स्थापित करने का निर्णय लिया, ताकि छात्राएँ स्वास्थ्य व फिटनेस के प्रति जागरूक रहें।
6. सभी सिविल वर्क एक साथ कराने पर सहमति:
भवन निर्माण से जुड़े सभी सिविल कार्यों को एक साथ कराए जाने पर भी सहमति बनी, जिससे समय, संसाधन और गुणवत्ता का संतुलन बना रहे।
7. स्वास्थ्य शिविर आयोजन की रूपरेखा:
जनभागीदारी अध्यक्ष कमलकांत असाटी (बॉबी भैया) ने छात्राओं के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने की दिशा में ठोस रूपरेखा तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शारीरिक, मानसिक एवं पोषण संबंधी स्वास्थ्य पर ऐसे शिविर अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।
महाविद्यालय के विकास की दिशा में ठोस कदम
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एच.डी. अहिरवार ने चर्चा में सक्रिय भाग लेते हुए कहा कि जनभागीदारी समिति महाविद्यालय की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके माध्यम से न केवल शैक्षणिक बल्कि संरचनात्मक और सामाजिक पहलुओं में भी उल्लेखनीय प्रगति संभव है।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. पी.के. दीक्षित ने कहा कि समिति द्वारा पारित निर्णय महाविद्यालय को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संसाधन-संवर्द्धन के नए आयाम प्रदान करेंगे।
श्री विकास चतुर्वेदी एवं श्रीमती उर्मिला साहू ने भी महाविद्यालय की छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु योजनाओं में अपने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि समिति के निर्णय तभी प्रभावी होंगे जब प्रत्येक सदस्य की भूमिका सक्रिय और निरंतर बनी रहे।
कार्यक्रम संचालन एवं आभार प्रदर्शन
पूरे कार्यक्रम का संचालन जनभागीदारी प्रभारी डॉ. शशिकांत अवस्थी द्वारा किया गया। उन्होंने बैठक को क्रमबद्ध ढंग से संचालित करते हुए सभी प्रस्तावों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया और सदस्यों के विचार आमंत्रित किए। बैठक के समापन पर उन्होंने सभी सदस्यों, प्राचार्य, शिक्षकों एवं कर्मचारियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि समिति के सहयोग से महाविद्यालय का भविष्य और अधिक उज्जवल बनेगा। सभी सदस्य जिस समर्पण और तत्परता से जुड़े हैं, वह आने वाले वर्षों में इस संस्था को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएगा।
राष्ट्रगान के साथ बैठक का समापन
कार्यक्रम का समापन सामूहिक राष्ट्रगान के साथ किया गया। उपस्थित सभी सदस्यों ने एकमत होकर संकल्प लिया कि महाविद्यालय के शैक्षणिक, सांस्कृतिक और संरचनात्मक विकास में सक्रिय सहयोग जारी रहेगा।
जनभागीदारी समिति की यह बैठक न केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया थी, बल्कि यह महाविद्यालय और समाज के बीच सार्थक साझेदारी का प्रतीक बनी।