नौगांव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की लापरवाही ने किया शर्मसार कलेक्टर के आदेश की खुलेआम अवहेलना, राष्ट्रीय पर्व का सम्मान भी भूला विभाग

*नौगांव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की लापरवाही ने किया शर्मसार — कलेक्टर के आदेश की खुलेआम अवहेलना, राष्ट्रीय पर्व का सम्मान भी भूला विभाग*
नौगांव ।।जब पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सरकारी भवन तिरंगे और रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहे थे, नौगांव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय अंधेरे में डूबा रहा। यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि राष्ट्रीय पर्व के सम्मान पर भी गहरी चोट है।

*कलेक्टर का आदेश, फिर भी अंधेरा*

छतरपुर जिला कलेक्टर ने 13 से 15 अगस्त तक सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और संस्थानों को रोशनी से सजाने का लिखित आदेश जारी किया था। यह निर्देश हर विभाग को भेजा गया था, ताकि स्वतंत्रता दिवस का जश्न पूरे जिले में एकता और सम्मान के साथ मनाया जा सके। लेकिन नौगांव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एल.सी. सागर का कार्यालय इस आदेश को ठेंगा दिखाते हुए 14 अगस्त की रात एक भी लाइट न जलाकर पूरी तरह अंधेरे में पड़ा रहा।

*स्थानीय लोगों में गुस्सा*

मौके पर मौजूद लोगों ने कहा—

> "जब सरकारी अफसर ही आदेशों की अनदेखी करेंगे, तो फिर आम कर्मचारियों और जनता से अनुशासन की उम्मीद कैसे की जा सकती है?"

कुछ नागरिकों ने इसे “देशभक्ति के जज़्बे की खुली बेइज्ज़ती” बताते हुए तत्काल विभागीय जांच और कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि यह मामला केवल बिजली की एक स्विच न दबाने का नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय पर्व की गरिमा और सरकारी अनुशासन का खुला उल्लंघन है।

*कलेक्टर पर सवाल*

अब लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि—

क्या कलेक्टर इस मामले पर सख्त कार्रवाई करेंगे?

क्या शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अफसर से जवाब तलब होगा?

या फिर यह मामला भी नौगांव की बाकी फाइलों की तरह धूल फांकता रहेगा?


*राष्ट्रीय पर्व की गरिमा से समझौता*

राष्ट्रीय पर्व जैसे अवसर पर इस तरह की लापरवाही प्रशासन की छवि धूमिल करती है। जहां एक ओर छोटे-छोटे पंचायत भवन, स्कूल और पुलिस चौकियां भी रोशनी से जगमगा रहे थे, वहीं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का मुख्य कार्यालय अंधेरे में डूबा होना विभागीय संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

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