सिंगरौली : कांग्रेस सेवा दल के जिला अध्यक्ष पर गरीब मजदूर से ₹19,900 ठगने का आरोप
“पुलिस फ्री में नहीं जाती” — वीडियो में स्वयं स्वीकारोक्ति, शिकायत कलेक्टर तक पहुँची
सिंगरौली।
जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें कांग्रेस सेवा दल के जिला अध्यक्ष रूपेश चंद्र पांडेय पर एक गरीब मजदूर से ₹19,900 की ठगी का गंभीर आरोप लगाया गया है। पीड़ित लल्लू राम कुशवाहा ने बताया कि पांडे ने उससे कहा — “बताओ, पुलिस क्या फ्री में जाएगी?” और विरोधी पक्ष पर कार्रवाई कराने के नाम पर उससे ₹20,000 मांगे।
फरियादी के अनुसार उसने बड़ी मुश्किल से ₹19,900 की राशि एकत्र कर पांडे को दी, जबकि ₹100 किराया-भाड़ा के लिए अपने पास रखे। पीड़ित की पत्नी उस समय बीमार थीं, जिसका वीडियो प्रमाण भी मौजूद है, जिसमें यह स्पष्ट दिखता है कि आरोपी व्यक्ति स्वयं स्वीकार कर रहा है कि उसने “पैसे लिए और पुलिस भेजी।”
जनसुनवाई में हुई शिकायत
पीड़ित ने इस घटना की शिकायत सिंगरौली कलेक्टर गौरव बैनर के समक्ष जनसुनवाई में प्रत्यक्ष प्रमाण सहित प्रस्तुत की है। वीडियो साक्ष्य में आरोपी का कथन स्पष्ट रूप से दर्ज है कि “पुलिस फ्री में नहीं जाती।”
इसके बावजूद अब तक कांग्रेस संगठन ने इस मामले पर पूर्ण मौन साध रखा है। जिले के अधिकांश पत्रकारों ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यही आरोप किसी भाजपा नेता या कार्यकर्ता पर होता, तो अब तक पूरा मीडिया समूह उस पर बहस कर रहा होता, परंतु इस प्रकरण में मीडिया ने निरपेक्षता खो दी है।
पुलिस में शिकायत, जांच जारी
पीड़ित द्वारा यह मामला सिंगरौली पुलिस अधीक्षक को सौंपा गया है। पुलिस ने जांच का दायित्व नगर पुलिस अधीक्षक को सौंपा है और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया है।
लल्लू राम का कहना है कि जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो आरोपी ने फोन उठाना बंद कर दिया और मुलाकात के दौरान यह कहकर टाल दिया कि “जिससे पैसा दिया था उसका ट्रांसफर हो गया है, बात करके वापस करवाएंगे।”
मुख्यमंत्री की पारदर्शी नीति के विरुद्ध कार्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नेतृत्व में प्रदेश में पारदर्शी और निष्पक्ष न्याय व्यवस्था लागू करने के प्रयास चल रहे हैं। डायल 112 सेवा निशुल्क और तत्काल सहायता के लिए स्थापित है। ऐसे में किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस कार्रवाई के नाम पर धन लेना न केवल गंभीर अपराध है बल्कि शासन की मंशा और नीति के भी प्रतिकूल है।
पत्रकारों और समाज से प्रश्न
फरियादी का कहना है कि उसने जिले के लगभग सभी पत्रकारों से सहायता मांगी, परंतु किसी ने भी उसके पक्ष में आवाज नहीं उठाई। समाज में यह सवाल उठ रहा है कि जब देवसर विधायक माननीय राजेंद्र मेश्राम के विरुद्ध झूठी टिप्पणी पर तत्काल मीडिया सक्रिय हो गया था, तो इस मामले में सत्य और प्रमाण सहित शिकायत पर मौन क्यों है?
रूपेश चंद्र पांडे स्वयं को कांग्रेस नेता और पत्रकार दोनों बताते हैं, ऐसे में पत्रकार बिरादरी की निष्क्रियता इस प्रकरण को और संदिग्ध बना रही है।
जातिगत आड़ में अपराध अस्वीकार्य
यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आरोपी स्वयं को “ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधि” बताते हैं। समाज के बौद्धिक और दानशील वर्ग के नाम पर किसी गरीब मजदूर का शोषण करना केवल अनैतिक नहीं, बल्कि अपमानजनक भी है। ऐसे कर्म पूरे समाज को कलंकित करते हैं।
जनता से अपील
जनता से निवेदन है कि किसी भी व्यक्ति को पुलिस या प्रशासनिक कार्रवाई के नाम पर पैसा न दें। ₹20,000 की राशि में आप एक सक्षम अधिवक्ता नियुक्त कर सकते हैं और न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से न्याय पा सकते हैं।
मध्य प्रदेश पुलिस और शासन आम नागरिकों की सहायता के लिए सदैव तत्पर हैं — बस आवश्यकता है कि आप सही प्राधिकरण के पास जाएँ, न कि किसी दलाल या तथाकथित “नेता” के पास।
अब निगाहें सिंगरौली कलेक्टर पर
अब समूचे जिले की निगाहें सिंगरौली कलेक्टर गौरव बैनल पर टिकी हैं — यह देखना होगा कि वे इस मामले में कितनी तत्परता, पारदर्शिता और निष्पक्षता दिखाते हैं। जनता को आशा है कि कलेक्टर कार्यालय इस ठगी के प्रकरण में उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति प्रशासन या पुलिस के नाम पर गरीब नागरिकों से धन उगाही करने का दुस्साहस न कर सके।